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Day 6 Maa Katyayani: Navratri Puja Vidhi, Mantra & Significance

Navratri का छठा दिन Maa Katyayani को समर्पित है। Maa Katyayani को शक्ति और वीरता की देवी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से इनकी पूजा करता है, उसके जीवन से भय और रोग दूर हो जाते हैं। विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं के लिए Maa Katyayani की आराधना शुभ मानी जाती है।  इसके साथ साथ अगर आप गुजरती में नवरात्री विशेस पढना चाहते है तो आप हमारे Unique Navratri Wishes in Gujarati पेज पर विजित कर सकते है 


Maa Katyayani का स्वरूप और कथा

Maa Katyayani का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है। इनका वर्ण सुनहरा है, चार भुजाएँ हैं। दाहिने हाथों में अभय और वरमुद्रा है, जबकि बाएँ हाथों में तलवार और कमल का फूल। इनका वाहन सिंह है, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर का वध करने के लिए देवी ने ऋषि Katyayana के घर जन्म लिया, इसलिए इन्हें Katyayani कहा गया। Maa Katyayani ने असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की और भक्तों को भयमुक्त जीवन का आशीर्वाद दिया।

Maa Katyayani Puja Vidhi (पूजा विधि)

Navratri के छठे दिन Maa Katyayani की पूजा इस प्रकार की जाती है:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थल को शुद्ध कर Maa Katyayani की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  3. गंगाजल से शुद्धिकरण करें और दीपक प्रज्वलित करें।

  4. रोली, अक्षत, पुष्प, चंदन और सुगंधित सामग्री अर्पित करें।

  5. Maa Katyayani को शहद युक्त प्रसाद चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  6. मंत्र जाप और आरती कर देवी का ध्यान करें।

Maa Katyayani Mantra (मंत्र)

प्रमुख मंत्र

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।  
नन्दगोपसुतं देवी पतिं मे कुरु ते नमः।।
👉 इस मंत्र का जाप करने से विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।  
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
 

Maa Katyayani का महत्व (Significance)

  • Maa Katyayani की पूजा से भय और रोगों से मुक्ति मिलती है।

  • विवाह योग्य कन्याओं को शीघ्र विवाह का आशीर्वाद मिलता है।

  • भक्तों को आत्मबल, साहस और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

  • जीवन में समृद्धि और शांति आती है।

Maa Katyayani का भोग और शुभ रंग

  • Maa Katyayani को शहद और शहद युक्त प्रसाद अर्पित करना शुभ होता है।

  • Navratri के छठे दिन पीला और सुनहरा रंग विशेष फलदायी माना जाता है।

Maa Katyayani की आरती

जय कात्यायनी माता, जय जगदंबे माता।  
तुम बिन सुख न पावै, कोई नर तनु धारी॥  


👉 अगर आप Navratri की अन्य देवियों जैसे Maa Skandamata Mantra Katha के बारे में पढ़ना चाहते हैं, तो हमारी यह पोस्ट ज़रूर देखें।

Navratri के छठे दिन Maa Katyayani की पूजा से जीवन में शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जो भक्त श्रद्धा भाव से Maa Katyayani की आराधना करते हैं, उन्हें भयमुक्त जीवन, सुख-समृद्धि और विशेषकर विवाह में आने वाली बाधाओं से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है। यदि आप Navratri की पूजा विधि, मंत्र और महत्व के बारे में और गहराई से पढ़ना चाहते हैं, तो आप www.drikpanchang.com पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

🙏 Maa Katyayani की पूजा करें और अपने जीवन में साहस, शांति और समृद्धि का स्वागत करें।
जय माता दी 🌸

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