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October 2 : Mahatma Gandhi Jayanti Speech in Hindi

     

Gandhi Jayanti 2023 : गांधी जयंती, भारतीय उपमहाद्वीप के महान आजादी संग्रामी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म जयंती को मनाने का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हर वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। गांधी जयंती का उद्देश्य गांधी जी की महानता और उनके योगदान को याद करना, उनके द्वारा आम जनता के लिए किए गए संघर्षों और सत्याग्रहों को मान्य करना और उनके विचारों को फैलाना है। यह एक राष्ट्रीय छुट्टी के रूप में भी मनाया जाता है जिससे लोगों को गांधी जी के विचारों और आदर्शों के प्रति उनकी श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अवसर मिलता है।

 

Mahatma Gandhi Jayanti Speech in Hindi :

महात्मा गांधी का एक प्रसिद्ध भाषण है "असहमति के साथ अधीनता" जिसे वे 9 नवंबर, 1942 को दिल्ली के गांधी मैदान में दिए थे। यहाँ उनके इस भाषण का हिंदी अनुवाद दिया जा रहा है:

"आज से तीन सप्ताह पहले मैंने आपको यह अभियान शुरू करने का आदेश दिया था। आप देख रहे हैं कि यह अभियान अब आरंभ हो चुका है। यह आज से आंग्रेजों के साथ हमारे बीच के संबंधों को स्पष्ट और तय कर देगा।

मैं यह अभियान विश्वास और आशा के साथ कर रहा हूँ कि यदि हम सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलते हैं, तो भारत की जनता अपने लिए स्वतंत्रता की अर्जित कर सकती है।

इस अभियान में हिंदुओं, मुस्लिमों, सिखों, ईसाइयों सभी को शामिल होने का आदेश है। हमारा धर्म यही कहता है कि हमें सबका भला करना है और सबके साथ सच्चाई और न्याय का पालन करना है।

मैं जानता हूँ कि इस अभियान के लिए कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध रहना है। हमारे अब तक के संघर्षों को याद करके यह निश्चित कर लें कि हम इस काम को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे।

आज से हम अपनी असहमति को साहस बनाकर अधीनता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। आप सभी से आग्रह करता हूँ कि इस अभियान में भाग लें और इसे सफल बनाने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करें।

जय हिंद!"

 

Mahatma Gandhi Jayanti Speech in Hindi ( 500 Words ) :

गांधी जयंती पर भाषण:

प्रिय साथीयों और सम्मानित व्यक्तियों,

आप सभी को गांधी जयंती के इस खास अवसर पर हार्दिक अभिनंदन। आज हम सब यहाँ एक महान आत्मा की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में इकट्ठे हुए हैं, जिन्होंने अपने आदर्शों और सत्य के मार्ग पर चलते हुए हमें स्वतंत्रता की महत्वपूर्ण उपाधि दिलाई। वे हमारे राष्ट्रपिता और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे।

महात्मा गांधी जी ने हमें एक महत्वपूर्ण सिख दी - सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का। उन्होंने दिखाया कि विभाजन, आतंकवाद या असहमति से नहीं, बल्कि सत्य और अहिंसा के मार्ग से ही समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने विश्व को दिखाया कि विश्वास और आत्म-संयम से कितनी बड़ी किसी भी शक्ति का मुकाबला किया जा सकता है।

गांधी जी के विचारों का अद्भुत योगदान हमारे स्वतंत्रता संग्राम में था। उन्होंने आम जनता को जागरूक किया और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया। उनके कहने का आलंब बनकर हम लोग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने लगे और अंत में ब्रिटिश साम्राज्य को हराने में सफल हुए।

गांधी जी के विचारों का आज भी महत्वपूर्ण स्थान है। हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाकर अपने जीवन को एक सजीव और सार्थक दिशा में बदलने का प्रयास करना चाहिए। उनका संदेश था कि हमें विभाजन और असहमति के बजाय एकता और समर्थन को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

आज के दिन, हमें यह याद दिलाने का समय है कि हमारे राष्ट्र की उत्थान और समृद्धि का मार्ग सत्य, न्याय और अहिंसा है। गांधी जी का सपना था एक ऐसे भारत का जिसमें सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के लोग एक साथ भाईचारे और समर्थन में जीते। हमें उनके इस सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करना है।

इस अवसर पर, हम अपने दिलों में गांधी जी के उपदेशों को स्थायित करने का संकल्प करते हैं। हम सभी को एक एक व्यक्ति के रूप में अपने यथार्थों और नेतृत्व का परिच

य कराने का उत्साह रखना चाहिए। इस प्रकार, हम भारत को उस ऊँचाइयों तक पहुँचा सकते हैं जिसका गांधी जी ने सपना देखा था।

धन्यवाद। जय हिंद!

 

 

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