दीवाली पर निबंध (Diwali Par Nibandh) छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए एक लोकप्रिय विषय है। हर साल स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगिताओं में दीवाली पर निबंध लिखने को दिया जाता है। इस निबंध में हम दीवाली का महत्व, इतिहास और उत्सव के बारे में विस्तार से समझेंगे। अगर आपको दीवाली पर छोटा और बड़ा निबंध चाहिए, तो यह पोस्ट आपके लिए सबसे बेहतर है। अगर आप दिवाली जोक्स पढ़ना चाहते है तो आप हमारे Diwali Jokes in Hindi पेज पर भी विजिट कर सकते है |
दीपावली का इतिहास बहुत प्राचीन और धार्मिक कथाओं से जुड़ा हुआ है।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, त्रेता युग में भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। उनकी वापसी पर अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर खुशियाँ मनाईं।
जैन धर्म में यह दिन भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सिख धर्म में दीवाली का महत्व इसलिए है क्योंकि इसी दिन गुरु हरगोबिंद जी को ग्वालियर किले से रिहाई मिली थी।
इस प्रकार, दीपावली सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि अनेक परंपराओं और इतिहास से जुड़ा हुआ पर्व है।
भारत की संस्कृति में दीपावली का विशेष महत्व है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय और प्रकाश की अंधकार पर जीत का प्रतीक है।
इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करके उन्हें सजाते हैं और नए वस्त्र धारण करते हैं।
माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
रिश्तेदारों और मित्रों के साथ मिठाई और उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है।
दीपावली भारतीय समाज में सामूहिक एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है।
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दीवाली का त्यौहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
लोग घर की सफाई करके, दीये, मोमबत्तियाँ और रंगोली से सजावट करते हैं।
परिवार के सभी सदस्य लक्ष्मी-गणेश पूजा करते हैं।
बाजारों में चारों तरफ रौनक रहती है और लोग नए कपड़े, सजावट की चीजें और उपहार खरीदते हैं।
बच्चे और युवा पटाखों का आनंद लेते हैं, हालाँकि आजकल प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण-हितैषी दीपावली मनाने पर जोर दिया जाता है।
दीवाली पर निबंध (150 शब्द)
दीवाली भारत का सबसे लोकप्रिय पर्व है। यह अंधकार पर प्रकाश और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इस दिन घरों की सफाई की जाती है और दीपक, मोमबत्तियाँ जलाकर सजाया जाता है। लोग नए वस्त्र पहनते हैं और मिठाई तथा उपहार बाँटते हैं। बच्चे पटाखों का आनंद लेते हैं और बड़ों के साथ पूजा करते हैं।
दीपावली का धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से महत्व है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि सच्चाई और अच्छाई की हमेशा जीत होती है।
देश भर में हिन्दी उत्सवों का आयोजन किया जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण त्योहार दिवाली है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दिवाली को 'दीपावली' भी कहते हैं जिसका अर्थ होता है 'दीपों की पंक्ति'। यह पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली का आयोजन कार्तिक मास के अमावस्या को होता है, जो अक्टूबर और नवम्बर के बीच आता है। इसे विशेष रूप से लड़के और लड़कियों के बीच बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली का त्योहार विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयामों से गुजरता है। इसे भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के दिन के रूप में भी मनाने का आदिकालिक उल्लेख किया जाता है। उस दिन, आयोध्या के लोगों ने श्रीराम का स्वागत करने के लिए उजियारों से नगर को रौंगते हुए दिवाली को मनाना शुरू किया था।
दिवाली के उत्सव का मुख्य आकर्षण दीपों की पंक्ति होती है। घरों और उद्यानों को रौंगते हुए लोग विभिन्न रंग-बिरंगे दीपकों से सजाते हैं। इसके अलावा, उन्हें खासकर अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को खोलने के लिए शुभ माना जाता है। दिवाली के उत्सव का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू पारिवारिक एकता और समरसता को महत्व देना है। इस दिन पर लोग अपने परिवारों के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं, आपसी प्यार और समर्थन का आभास करते हैं।
दीपावली, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है। यह पूरे भारत में खुशी, उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ होता है 'दीपों की पंक्ति'। यह पूरे त्योहार की एक अद्वितीयता और रंग-बिरंगे आयामों के लिए जाना जाता है। दीपावली का आयोजन कार्तिक महीने की अमावस्या को होता है, जो अक्टूबर और नवम्बर के बीच आता है। इसे विशेष रूप से लड़के और लड़कियों के बीच बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयामों से गुजरता है। इसे भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के दिन के रूप में भी मनाने का आदिकालिक उल्लेख किया जाता है। उस दिन, आयोध्या के लोगों ने श्रीराम का स्वागत करने के लिए उजियारों से नगर को रौंगते हुए दिवाली को मनाना शुरू किया था।
दीपावली के उत्सव का मुख्य आकर्षण दीपों की पंक्ति होती है। घरों और उद्यानों को रौंगते हुए लोग विभिन्न रंग-बिरंगे दीपकों से सजाते हैं। इसके अलावा, उन्हें खासकर अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को खोलने के लिए शुभ माना जाता है। दीपावली के उत्सव का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू पारिवारिक एकता और समरसता को महत्व देना है। इस दिन पर लोग अपने परिवारों के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं, आपसी प्यार और समर्थन का आभास करते हैं। दीपावली के उत्सव का आयोजन धन्यवाद, आनंद और धार्मिक आदान-प्रदान के रूप में किया जाता है। लोग अपने घरों को सजाने के लिए उद्यानों में फूलों का उपयोग करते हैं और विश्वास रखते हैं कि इससे उनके घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। दिवाली के उत्सव का आयोजन धन्यवाद, आनंद और धार्मिक आदान-प्रदान के रूप में किया जाता है। लोग अपने घरों को सजाने के लिए उद्यानों में फूलों का उपयोग करते हैं और विश्वास रखते हैं कि इससे उनके घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। दिवाली का उत्सव विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन उसका संदेश हमेशा एक साथित्य और आनंद का होता है। दीपावली का उत्सव विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन उसका संदेश हमेशा एक साथित्य और आनंद का होता है।
दीपावली पर निबंध (500 शब्द)
दीपावली या दीवाली भारत का प्रमुख पर्व है, जिसे "प्रकाश का पर्व" कहा जाता है। यह त्यौहार हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके जब अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने उनके स्वागत में दीपक जलाए। तभी से दीपावली मनाई जाती है।
यह त्यौहार धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा की जाती है। घर-आँगन में दीपक जलाए जाते हैं और रिश्तेदारों व मित्रों के साथ मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं।
घर की सफाई और सजावट
रंगोली और दीपक सजाना
नए कपड़े पहनना
पूजा और प्रसाद वितरण
उपहार और मिठाइयों का आदान-प्रदान
आजकल पटाखों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए ग्रीन दीवाली मनाने की सलाह दी जाती है। प्राकृतिक सजावट और मिट्टी के दीयों का उपयोग पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
दीपावली का त्योहार न केवल खुशी और रोशनी लाता है बल्कि हमें सत्य, धर्म और संस्कारों के महत्व की भी याद दिलाता है। यह पर्व भारतीय संस्कृति की आत्मा है और हमें एकजुट रहने का संदेश देता है।
आधुनिक समय में दीपावली पर पटाखों के अत्यधिक उपयोग से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है।
⇒ इसलिए, हमें Eco-Friendly Diwali मनानी चाहिए –
मिट्टी के दीयों का उपयोग करें।
फूलों और प्राकृतिक रंगों से सजावट करें।
कम से कम पटाखे चलाएँ।
पेड़-पौधों की रक्षा करें।
इस तरह हम अपनी परंपराओं को निभाते हुए प्रकृति का भी संरक्षण कर सकते हैं।
तो दोस्तों, ये था हमारा Diwali Par Nibandh in Hindi aur English. Umeed hai ki ye essay aapke school/college assignments me helpful rahega. Agar aapko festival jokes bhi pasand hain, to Diwali Jokes collection जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों के साथ share करें।
Diwali के बारे में और जानने के लिए आप UTSAV.gov.in – Events & Festivals India वेबसाइट पर official cultural information पढ़ सकते हैं। साथ ही, इस त्योहार के global perspective और history को समझने के लिए Britannica – Diwali Festival पर भी visit कर सकते हैं।
इस तरह आप अपने knowledge को और बढ़ा सकते हैं और Diwali को और भी meaningful तरीके से celebrate कर सकते हैं।”
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